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Monday, June 17, 2013

नज़र का फ़र्क !

ऋचा आज बहुत जल्दी में थी... घर से निकलने में ही उसे देर हो गयी थी और ऊपर से सुबह-सुबह मेट्रो की भीड़...लेडीज कोच तक पहुँचने में २ मिनट की और देर हो जाती...इसलिए सीढियों से चढ़ते ही वो जनरल कोच में एंटर कर गयी..सामने वाली सीट के सामने खड़ी हो गयी..सामने वाली सीट पर सारे मर्द ही थे...जिनमे से ऋचा के ठीक सामने वाले व्यक्ति ४०-५० वर्ष के रहे होंगे..मेट्रो चली, रोज़ की तरह ऋचा ने अपने बैग से हेडसेट्स निकाली और गाने सुनने लगी. कुछ देर बाद उसे एहसास हुआ की सामने बैठे व्यक्ति उसे घूर रहे है..पहले तो उनकी नज़रें ऋचा की जीन्स की ज़िप के पास ही अटकी रही...फिर उपर से नीचे उसे ऐसे देख रहे थे मानो स्कैन कर रहे हो..ऋचा ने इधर उधर देखा लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा थी की वो अपनी जगह से हिल तक नहीं पायी..बहुत अजीब स्थिति थी उसके लिए..शायद आसपास बैठे लोगो को आभास हो रहा था की लड़की uncomfortable है लेकिन किसी ने उठकर उसे सीट देने की ज़हमत नहीं की..ऋचा की मजबूरी थी वही खड़े रहना.. अपने गंतव्य स्टेशन पे पहुँचने के बाद ही उसकी जान में जान आई.

थोड़ी देर तक ऋचा कुछ समझ ही नहीं पायी..हालांकि ऐसी स्थितियां पहले भी हुई थी, लेकिन तब लेडीज कोच नहीं था..लेडीज कोच की सुविधा होने के बाद से ऋचा ने हमेशा उसी में सफ़र किया. जब तक की साथ में कोई मेल ना हो..
उसे ज्यादा बुरा इस बात का भी लग रहा था कि १६ दिसम्बर वाली घटना के बाद से ही समाज और लोगो की सोंच को बदलने की बाते/कोशिशे होती रही है..लेकिन लोगो की सोच कहीं से भी अच्छी होती नहीं दिख रही.. मनोवृति बदलने की सबसे ज्यादा ज़रुरत है. ऐसा नहीं की सारे मर्दों की सोच एक जैसी होती है...उसे याद है जब कई बार वो अपने दोस्तों के साथ होती है, तो जनरल कोच में बैठे इन्ही में से कुछ पुरुष उसे झट अपनी सीट देते है.

अच्छी नज़र और बुरी नज़र इसकी पहचान हर लड़की/औरत को होती है और इसका फ़र्क करना भी वो अच्छे से जानती है. "घूरना" एक राष्ट्रीय आदत है लेकिन पिछले दिनों से जो बयार चली...जो बाते चली, उससे कुछ सकारात्मक सोच  आने की आशा बंधी थी..और फ़िलहाल मनोवृति को सुधारना सबसे ज़रूरी हो चला है.  

4 comments:

  1. mam too good post is. not showing a stunning reality but also asking question. Sometimes i really felt ashamed being male .The deeds some people have done make whole to be shamed...
    अच्छी और बुरी नजर तो हो पर नीयत केसे पकडे इनकी।

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  2. This comment has been removed by the author.

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  3. reflection of observation....accha laga..likhte rahiye..

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  4. कहाँ हो यार .............चटोरी जल्दी आ जाओ :)

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